गोड्डा/झारखंड: मौजूदा दौर में सियासत की जो रवायत चल रही है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि सियासी बयान कब बवाल बन जाएगा इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। इस बयान और बवाल में उन सवालों के जवाब अधूरे रह जाते हैं जिसे जानने के लिए नेताओं से सवाल किये जाते हैं।
झारखंड के साहिबगंज में रुबीका पहाड़न की हत्या में बर्बरता की सारी हदों को पार कर दिया गया। इस बर्बर हत्याकंड में सियासत से उम्मीद की जा रही थी एक जिम्मेदार पहल करने की। लेकिन उसके उलट सियासत की तरफ से आरोप और उस आरोप पर बेतुके बयान का बर्चस्व कायम हो गया। इस मामले को लोकसभा में गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की तरफ से उठाया गया। सदन में दिये अपने बयान में उन्होंने इस हत्याकांड के लिए राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीति को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार संताल परगना को बांग्लादेशी घुसपैठियों के हवाले करने की तैयारी कर चुकी है। सांसद के इस बयान पर सवाल जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी से किया गया।
इसफान अंसारी ने सांसद निशिकांत दुबे पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह के बयान सदन में देकर वो झारखंड की छवि खराब कर रहे हैं। अपने बयान में इरफान अंसारी ने आगे कहा कि निशिकांत दुबे बाहरी हैं। वो खुद बांग्लादेशी हैं इसबार उन्हें बाहर निकालेंगे। इरफान अंसारी ने रूबीका पहाड़न की जघन्य हत्या पर कहा कि इस तरह का काम करनेवालों को किसी एक धर्म से जोड़ना सही नहीं है। जिस तरह से इसे अंजाम दिया गया है वो काम कोई मनोरोगी ही कर सकता है।