धूम्रपान मुक्त जिला बना गोड्डा, अवयस्क को तंबाकू  बेचने पर 7 साल की जेल और 1 लाख जुर्माना

धूम्रपान मुक्त जिला बना गोड्डा, अवयस्क को तंबाकू बेचने पर 7 साल की जेल और 1 लाख जुर्माना

गोड्डा/झारखंड: उपायुक्त गोड्डा भोर सिंह यादव की अध्यक्षता में तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति (DTCCC) की बैठक-सह-धूम्रपान मुक्त घोषणा समारोह का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त गोड्डा ने गुरुवार को गोड्डा को संथाल परगना का पहला तथा राज्य का नौवां धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया। समारोह में उपायुक्त सहित जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा धूम्रपान मुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया गया तथा उपायुक्त द्वारा गोड्डा जिला को धूम्रपान मुक्त बनाए रखने की अपील की गई।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि गोड्डा को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित करते हुए मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए और भी अधिक प्रयास करनी होगी। उन्होंने कहा कि समाज के आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत करवाते हुए इसपर पूर्ण नियंत्रण लगाने हेतु कार्य करने होंगे। लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक करना होगा।

जिले को धूम्रपान मुक्त बनाने हेतु उपायुक्त महोदय के द्वारा जिले के सभी आम जनता, संगठन, शैक्षणिक संस्थान, सहयोगी संस्था सीड्स, तमाम मीडियाकर्मी, सभी जिला स्तरीय, अनुमंडल स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, पुलिस विभाग के सभी पदाधिकारी सहित सभी सम्बन्धित हितधारकों को धन्यवाद एवं बधाई दी।तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार के द्वारा सभी 24 जिलो में चलाए जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम COTPA-2003 की विभिन्न धाराओ के अनुपालन की स्थिति जानने हेतु झारखंड स्वास्थ्य मिशन के द्वारा समय समय पर स्वतंत्र एजेंसी से अनुपालन सर्वेक्षण कराया जाता है, तथा उस अनुपालन प्रतिवेदन के आधार पर COTPA -2003 की धारा 4 (सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध) के अनुपालन की बेहतर स्थिति के अनुसार जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जाता है ।राज्य के 6 जिलों यथा राँची, बोकारो, सरायकेला-खरसावां, धनबाद, रामगढ एवं खूँटी तथा दो शहर जमशेदपुर और हजारीबाग को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है | श्री मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2003 में भारतीय संसद द्वारा पारित कोटपा अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के कारण देश ने तंबाकू नियंत्रण के मुद्दे पर काफी हद तक सफलता प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान करना एक खतरनाक आदत है जहां छोटे-छोटे बच्चे इसका सेवन करते हैं वहां तो स्थिति और भी अधिक नाजुक बन जाती है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाए जाने के काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त महोदय श्री भोर सिंह यादव ने समस्त जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा की धूम्रपान मुक्त के बाद अब हमलोगों को अपने सम्पूर्ण जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। उपायुक्त ने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाते हुए नियमित रूप से छापामारी करने का निर्देश दिया।

अनुमण्डल पदाधिकारी – सह-विशेष नोडल पदाधिकारी श्री ॠतुराज ने जिलावासियो से अपील किया है कि आप तंबाकू से तैयार होने वाले सभी पदार्थों यथा बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, हुक्का इत्यादि को छोड़े क्योंकि इनके द्वारा अनेक बीमारियां होती हैं। आप सभी के सहयोग से ही गोड्डा धूम्रपान मुक्त जिला घोषित हुआ है। अब हम लोगों का प्रयास होगा कि गोड्डा को तंबाकू मुक्त जिला बनाने हेतु मिलकर प्रयास करें। हमें आशा है कि इस अभियान में हम अवश्य सफल होंगे।

सिविल सर्जन गोड्डा डॉ0 अनंत कुमार झा ने सभी प्रतिभागियो का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया। जिला नोडल पदाधिकारी ने कार्यक्रम मे भाग लेने के लिए सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापन किया ।

मौके पर उपविकास आयुक्त महोदय गोड्डा श्री संजय सिन्हा ,अनुमंडल पदाधिकारी गोड्डा श्री ऋतुराज , अनुमंडल पदाधिकारी महागामा श्री सौरव कुमार भुवानिया , खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, जिला नोडल पदाधिकारी, तम्बाकू नियंत्रण कोषांग एवं सीड्स के पदाधिकारियों सहित अन्य कार्यालय कर्मी उपस्थित थे।

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