जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल ने जारी किया बयान
नई दिल्ली: बुधवार को जम्मू कश्मीर की सर्द वादियों में सियासी गर्मी बढ़ी रही। राज्य में तीन पार्टियां कांग्रेस, पीडीपी और एनसी यानि नेशनल कांफ्रेंस मिलकर सरकार बनाने की कवायद में दिनभर जुटी रहीं। जिसके बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सरकार बनाने का दावा करते हुए चिट्ठी फैक्स की। लेकिन राजभवन की फैक्स मशीन खराब थी। इसके आधे घंटे बाद राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दिया।
विधानसभा भंग करने के गवर्नर के फैसले की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जिसके बाद गवर्नर ने बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है जो भी फैसले लिए गए वो अधिकार के तहत ही लिये गए। बहुमत के दावे पर संदेह था। इस गठबंधन में स्थायी सरकार की संभावना कम थी। साथ ही गवर्नर की तरफ से कहा गया कि सरकार बनाने के लिए बड़े पैमाने पर विधायकों की खरीद फरोख्त होने की खबर भी थी।
गवर्नर के इस फैसले पर कांग्रेस, पीडीपी और एनसी ने नाराजगी जाहिर की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि गवर्नर हाउस को तत्काल एक नई फैक्स मशीन की जरुरत है। पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने कहा ये केंद्र सरकार का तानाशाही वाला रवैया है। महागठबंधन के खयाल से ही बीजेपी घबरा गई। वहीं बीजेपी राज्यपाल के समर्थन में है। बीजेपी ने कहा कि गवर्नर ने विधानसभा भंग कर बिल्कुल सही किया है।