21 साल बाद अब सुरेश सोरेन घर लौटना चाहता है, बचपन में पोड़ैयाहाट से कैसे पहुंचा मुंबई

21 साल बाद अब सुरेश सोरेन घर लौटना चाहता है, बचपन में पोड़ैयाहाट से कैसे पहुंचा मुंबई

गोड्डा/झारखंड: सुरेश सोरेन ये वो नाम है जो 21 साल पहले अपने स्कूल से भागकर मुंबई पहुंच गया। उसी के गांव के किसी व्यक्ति ने उसकी वहां पर छोटी-मोटी नौकरी लगा दी। बाद में वो शख्स तो अपने गांव लौट आया लेकिन सुरेश मुंबई में ही रह गया। समय बीतता गया और एक दिन सुरेश को किसी बात पर नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद सुरेश का ठिकाना मुंबई की सड़क बन गई। कोई छोटा मोटा काम करता और रात को सड़क किनारे सो जाता। उसके बारे में ये बातें राधिका देवी प्रेमलाल महतो जन कल्याण सेवा संस्था के अद्यक्ष दिगंबर महतो ने न्यूज ट्रेंड इंडिया को बताई।

सुरेश की पूरी कहानी सुनने से पहले ये जान लीजिये कि सुरेश मूल रूप से कहां का है। सुरेश दुमका जिले के हंसडीहा का रहनेवाला है। हंसडीहा के बनहेती गांव में सुरेश सोरेन का घर है। उसके पिता का नाम श्यामलाल सोरेन और भाई का नाम सुबोध सोरेन है। फिलहाल सुरेश राधिका देवी प्रेमलाल महतो जन कल्याण सेवा संस्था के अद्यक्ष दिगंबर महतो की देखरेख में महाराष्ट्र के ठाणे में है।

न्यूज ट्रेंड इंडिया को संस्था के संचालक ने सुरेश सोरेन के बारे में जानकारी भेजी थी। वीडियो में सुरेश घर लौटने की इच्छा जाहिर करता है। दिगंबर महतो के मुताबिक सुरेश के बारे में हंसडीहा थाना के इंस्पेक्टर को भी जानकारी दी जा चुकी है। उनके मुताबिक पुलिस भी उनके घर से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

अब जानिये पूरी कहानी…

2001 में सुरेश गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट स्कूल में पढ़ता था। स्कूल से ही सुरेश किसी जाननेवाले के साथ भाग गया। भागकर वो मुंबई पहुंचा और वहां किसी फैक्ट्री में काम करने लगा। बाद में सुरेश को मुंबई पहुंचानेवाला शख्स वापस अपने गांव आ गया। लेकिन सुरेश मुंबई में ही रह गया और काम करता रहा कमाता रहा। लेकिन एक दिन सुरेश की नौकरी छूट गई।

इसके बाद सुरेश की जिंदगी मुश्किल भरी रही। सुरेश कोई छोटा मोटा काम कर लेता किसी तरह अपना पेट भर लेता और मुंबई के किसी कोने में किसी सड़क किनारे सो जाता। दिन इसी तरह कट रहा था। तकरीबन हफ्ते भर पहले सुरेश पर राधिका देवी प्रेमलाल महतो जन कल्याण सेवा संस्था के अद्यक्ष दिगंबर महतो की नजर पड़ी। जब डोंबीवली में बारिश में सुरेश बोरा ओढ़कर किसी तरह खुद को भींगने से बचाने की नाकाम कोशिश कर रहा था।

इसके बाद संस्था के संचालक दिगंबर महतो ने सुरेश को अपने संस्था में शरण दी। बातचीत में उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाई और फिर कोशिश शुरु हुई सुरेश के घर वापसी की। फिलहाल सुरेश महाराष्ट्र के ठाणे में राधिका देवी प्रेमलाल महतो जन कल्याण सेवा संस्था की देखरेख में है। संस्था के तरफ से भी उसके घर वापसी की कोशिश की जा रही है।

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