गोड्डा/झारखंड: मां श्मशान काली मंदिर परिसर में काली पूजा धूमधाम से मनाने को लेकर शुक्रवार को समिति के सदस्यों की बैठक मुखिया परमानंद साह की अध्यक्षता में की गई।
इस वर्ष काली पूजा 4 नवंबर को होगी। पूजा में कोविड-19 का पालन करते हुए शाम 7:00 बजे से पूजा, पूजन के पश्चात आरती , प्रसाद वितरण के साथ-साथ महाप्रसाद भी भक्तजनों के लिए उपलब्ध होगा। मंदिर की प्रतिमा की रंगाई पुताई, मंदिर परिसर की साफ-सफाई, रंगाई पुताई एवं लाइटिंग कराने का निर्णय लिया गया।
कझिया नदी के किनारे बसा हुआ मां श्मशान काली मंदिर प्रकृति के अनुपम सुंदरता के बीच है। जहां एक ओर नदी की कलकल धारा बहती है, वहीं मंदिर के चारों तरफ पर्यावरण को संरक्षित करता हुए पौधे हैं। मां श्मशान काली मंदिर परिसर में ऑक्सीजन युक्त तो पौधे लगे ही हैं साथ ही अनेक प्रकार के औषधिय पौधे भी है। चारों तरफ के बाग बगीचे मंदिर की सुंदरता को और बढ़ा रहे हैं। मंदिर में जहां योग और व्यायाम होता है वहीं दूसरी ओर बच्चों के लिए सुबह सवेरे संस्कारशाला भी चलता है। जहां सेवानिवृत्त शिक्षक एवं सेवानिवृत्त बैंक कर्मी बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सिखाते हैं। अनेक गरीब अनाथ एवं ड्रॉपआउट बच्चे संस्कार शाला से लाभ ले रहे हैं।
मां भक्तों को मनोवांछित फल भी देती हैं। इसलिए प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। समिति ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पूजा आरती एवं प्रसाद वितरण की बात कही है।बैठक में अजीत कुमार सिंह, राजेश कुमार झा, पंडित उमाकांत झा, प्रदीप कुमार मंडल उर्फ बच्चू दादा, सुनील कुमार झा, प्रमोद चौधरी, मृत्युंजय झा, कांति शाह,अशोक यादव, पवन कुमार झा, विकास रजक, प्रेम झा, गजेंद्र मोहन झा, मृत्युंजय सिंह, सीताराम राउत, सुभाष झा, जीवन झा ,अमरेंद्र कुमार, अशोक कापरी, नवीन चंद्र झा, सुबोध कापरी एवं पप्पू साह उपस्थित थे।